ओशो – जीवन और शक्ति :
जो समाज युद्ध में डूबे और उबरे , वे ही समाज चांद पर भी अपने आदमी को उतार पाए हैं हम नहीं उतार पाए हैं । शांतिवादी नहीं उतार पाया । और चांद आज नहीं कल , युद्ध में बड़ा कीमती हैं । जिसके हाथ में चांद होगा , उसके हाथ में पृथ्वी होगी… अधिक पढ़ें ओशो – जीवन और शक्ति :