ओशो – सत्य का खोजी आत्मा पर नहीं रुकता 

​जिन खोजा तिन पाइयाँ ..ओशो (प्रवचन–14) post ::–112 :::::::::::::::::::::::::::: चौथे शरीर के पहले इसका कोई पता नहीं चलेगा। पांचवें शरीर को आत्म शरीर इसीलिए कह रहे हैं कि वहां तुम्हें पता चलेगा कि तुम कौन हो। इसलिए पांचवें शरीर के बाद ‘मैं’ की आवाजें एकदम बंद हो जाएंगी। पांचवें शरीर के बाद वह समबडी होने… अधिक पढ़ें ओशो – सत्य का खोजी आत्मा पर नहीं रुकता 

ओशो – मौन का महत्व 

​मौन  का महत्व  यहां आने के आधा घंटे पहले से ही चुप हो जाएं। कुछ मित्र जो तीनों दिन मौन रख सकें, बहुत अच्छा है, वे बिलकुल ही चुप हो जाएं। और कोई भी चुप होता हो, मौन रखता हो, तो दूसरे लोग उसे बाधा न दें, सहयोगी बनें। जितने लोग मौन रहें, उतना अच्छा।… अधिक पढ़ें ओशो – मौन का महत्व 

ओशो – हमारा चौथा शरीर 

जिन खोजा तिन पाइयाँ..(प्रवचन–13) post::–100 :::::::::::::::::::::: तो यह जो चौथा शरीर है, इससे हमने मनुष्यता को बचाने की कोशिश की। और अक्सर ऐसा हुआ कि इस शरीर का जो लोग उपयोग करनेवाले थे, उनकी बहुत तरह की बदनामी और कडेमनेशन हुई। योरोप में हजारों स्त्रियों को जला डाला गया विचेज़ कहकर, डाकिनी कहकर; क्योंकि उनके… अधिक पढ़ें ओशो – हमारा चौथा शरीर 

ओशो – सत्य को देखने की आँख !

जिन खोजा तिन पाइयां( प्रवचन  1) यात्रा कुडंलिनी   (प्रवचन  पहला)  सत्य को देखने की आंख कुछ जो मुझे दिखाई पडता है, चाहता हूं आपको भी दिखाई पड़े। और मजा यह है कि वह इतने निकट है कि आश्चर्य ही होता है कि वह आपको दिखाई क्यों नहीं पड़ता! और कई बार तो संदेह होता… अधिक पढ़ें ओशो – सत्य को देखने की आँख !

ओशो – दिव्य दृष्टि के जागरण का केंद्र 

जिन खोजा तिन पाइयां  ( प्रवचन 1) यात्रा कुडंलिनी  (प्रवचन  पहला ) दिव्य—दृष्टि के जागरण का केंद्र हमारे भीतर भी कोई केंद्र है जिससे वह जाना जाता है, जिसे हम परमात्मा कहें। लेकिन उस तक हमारी जीवन— धारा नहीं दौड़ती तो वह केंद्र निष्‍क्रिय पड़ रह जाता है। आंखें हों ठीक बिलकुल, और आंखों तक… अधिक पढ़ें ओशो – दिव्य दृष्टि के जागरण का केंद्र 

ओशो – समाधि की ट्रिक 

जिन खोजा तिन पाइयाँ..ओशो(प्रवचन–12) post -96 ::::::::::::::::: एक आदमी दिन में पानी पीता है तो उसकी प्यास बुझती है, सपने में भी पानी पीता है, लेकिन प्यास नहीं बुझती और सुबह जागकर वह पाता है कि ओंठ सूख रहे हैं और गला तड़प रहा है। क्योंकि सपने का पानी प्यास नहीं बुझा सकता, असली पानी… अधिक पढ़ें ओशो – समाधि की ट्रिक 

ओशो – पोस्ट हिप्नोटिक /सम्मोहन की ट्रिक 

जिन खोजा तिन पाइयाँ ..ओशो(प्रवचन–12) post ::–97 ::::::::::::::::: तो जो भी दावेदार हैं कि हम शक्तिपात करते हैं, वे कर सकते हैं, लेकिन वह शक्तिपात नहीं है, वह बहुत गहरे में किसी तरह का सम्मोहन है, हिप्नोसिस है; बहुत गहरे में कुछ मैग्नेटिक फोर्सेस का उपयोग है, जिनको वे सीख गए हैं। और जरूरी नहीं… अधिक पढ़ें ओशो – पोस्ट हिप्नोटिक /सम्मोहन की ट्रिक 

ओशो – अनन्त सम्भवनाओं का जागरण 

​अनंत संभावनाओं का जागरण हम सबके भीतर अनंत संभावना छिपी है। लेकिन उन अनंत संभावनाओं का बोध जब तक हमें भीतर से न होने लगे तब तक कोई शास्त्र प्रमाण नहीं बनेगा। और कोई भी चिल्लाकर कहे कि पा लिया, तो भी प्रमाण नहीं बनेगा। क्योंकि जिसे हम नहीं जान लेते हैं, उस पर हम… अधिक पढ़ें ओशो – अनन्त सम्भवनाओं का जागरण 

ओशो – प्रकृति ली रूचि नियम में है ।

​ जिन खोजा तिन पाइयाँ ..ओशो(प्रवचन –12)post ::–94 प्रश्न : ओशो आपने कहा कि परमात्मा एक शक्ति है और उसको मनुष्य के जीवन में कोई दिलचस्पी नहीं है? कोई सरोकार नहीं है। कठोपनिषद में एक श्लोक है जिसका मतलब है कि वह परमात्मा जिसको पसंद करता है उसको ही मिलता है। तो उसकी पसंदगी का… अधिक पढ़ें ओशो – प्रकृति ली रूचि नियम में है ।

ओशो – मूर्छा और जागरण 

मेरे प्रिय आत्मन्, मुझे पता नहीं कि आप किस लिए यहां आए हैं। शायद आपको भी ठीक से पता न हो, क्योंकि हम सारे लोग जिंदगी में इस भांति ही जीते हैं कि हमें यह भी पता नहीं होता कि क्यों जी रहे हैं, यह भी पता नहीं होता कि कहां जा रहे हैं, और… अधिक पढ़ें ओशो – मूर्छा और जागरण